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करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान | रसरी आवत जात तै सिल पर होत निशान |jadmati hot sujan meaning in hindi


      बार-बार अभ्यास करने से मूर्ख भी बुद्धिमान बन जाते हैं | जैसे एक पत्थर पर बार-बार रस्सी घीस जाए तो पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं|  ऐसे ही यदि मनुष्य भी किसी चीज का बार-बार अभ्यास करें तो उस कार्य को करने में सफल हो जाता है|  चिंटी कितनी बार दीवार पर चढ़ने का प्रयास करती है लेकिन गिरने पर भी रुकती नहीं चढ़कर ही दम लेती है। 
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान (अनुच्छेद लेखन)|jadmati hot sujan ka arth
 करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान (अनुच्छेद लेखन)|jadmati hot sujan ka arth


 
             जीवन का कोई भी कार्य चाहे वह पढ़ाई हो ,व्यापार हो ,कारीगरी का काम हो सभी अभ्यास पर ही निर्भर करते हैं | वरदराज बालक जो आश्रम में पढ़ता नहीं था तो गुरु ने उसे घर भेज दिया | लेकिन जब रास्ते में कुएं की मुंडेर पर रस्सी से बने निशान देखे तो सोचने लगा , कि यदि कोमल रस्सी  पत्थर पर निशान डाल सकती है तो क्या मैं बार-बार अभ्यास करके पढ़ नहीं सकता | यह सोचकर वह आश्रम वापिस चला गया | उसने इतना अभ्यास किया कि बड़ा होकर प्रकांड पंडित बना और कई व्याकरण  की रचना की |  बार बार अभ्यास से व्यक्ति किसी भी कार्य में सक्षम के साथ-साथ निपुण भी हो जाता है  | गायक ,खिलाड़ी ,पहलवान सब अभ्यास से ही सफलता हासिल करते हैं इसलिए हमें निरंतर अभ्यास व्रत रहना चाहिए।

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